Saturday, December 19, 2015

positivity vs negativity


बड़ों से बात करने का तरीका आपकी 'तमीज़' बताता है.... और. . . छोटों से 'तमीज़' से बात करने का तरीका आपकी 'परवरिश' बताता है.... जो ताला चाबी को एक ओर घुमाने से बंद होता है, वही दूसरी ओर घुमाने से खुल भी जाता है ! हम अपने विचार , वाणी और व्यवहार को इस तरह घुमाएँ कि रिश्तों के बंद पडे़ ताले फिर से खुल जाए.. जिसकी "नीति" अच्छी होगी, उसकी हमेशा "उन्नति" होगी । "मैं श्रेष्ठ हूँ"यह आत्मविश्वास है लेकिन, "मैं ही श्रेष्ठ हूँ" यह अहंकार है.

जय श्री कृष्णा......

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