Saturday, December 19, 2015

Father son and kite

एक बेटे ने पिता से पूछा - पापा ये 'सफल जीवन' क्या होता है ?

पिता, बेटे को पतंग उड़ाने ले  गए।
बेटा पिता को ध्यान से पतंग उड़ाते देख रहा था...

थोड़ी देर बाद बेटा बोला,
पापा.. ये धागे की वजह से पतंग और ऊपर नहीं जा पा रही है, क्या हम इसे तोड़ दें !!
ये और ऊपर चली जाएगी...

पिता ने धागा तोड़ दिया ..

पतंग थोड़ा सा और ऊपर गई और उसके बाद लहरा कर नीचे आइ और दूर अनजान जगह पर जा कर गिर गई...

तब पिता ने बेटे को जीवन का दर्शन समझाया .,,,,

बेटा..
'जिंदगी में हम जिस ऊंचाई पर हैं..
हमें अक्सर लगता की कुछ चीजें, जिनसे हम बंधे हैं वे हमें और ऊपर जाने से रोक रही हैं
  जैसे :
            घर,
          परिवार,
        अनुशासन,
        माता-पिता आदि
और हम उनसे आजाद होना चाहते हैं...
वास्तव में यही वो धागे होते हैं जो हमें उस ऊंचाई पर बना के रखते हैं..
 इन धागों के बिना हम एक बार तो ऊपर जायेंगे
 परन्तु
बाद में हमारा वो ही हश्र होगा जो
बिन धागे की पतंग का हुआ...'

"अतः जीवन में यदि तुम ऊंचाइयों पर बने रहना चाहते हो तो, कभी भी इन धागों से रिश्ता मत तोड़ना.."
" धागे और पतंग जैसे जुड़ाव के सफल संतुलन से मिली हुई ऊंचाई को ही 'सफल जीवन' कहते हैं ।


agree?


जय श्री कृष्णा......



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